Saturday 16 April 2011

भ्रष्टतंत्र की अंतिम आशा : जन लोकपाल विधेयक

जन लोकपाल विधेयक के मुद्दे से ध्यान भटकाने क लिए वर्तमान सर्कार जिस तरह के तुच्छ हथकंडे अपना रही है वह अत्यंत ही निराशाजनक है, लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति मिस्र एवं लीबिया की तानाशाही शासन से भी अधिक दयनीय और दुखद है| आज से शुरू होने वाली बैठकों की विडियोग्राफी पर कांग्रेस सरकार का विरोध हास्यास्पद है, और सरकार की धोखेबाजी की मानसिकता को उजागर करता है| भ्रष्टाचार के सुनामी में देश फंसा हुआ है और माननीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की अकर्मण्यता और लाचारी पर दया नहीं अब घृणा आती है | मताधिकार द्वारा चुने गए इन जनप्रतिनिधियों का शासन मुग़लों और अंग्रेजों के शासन से भी अधिक कष्टकारी और पीड़ादायी है |